फोर मोर शाॅट्स प्लीज में चार लड़कियों की कहानी है जो अपने लिए इस समाज से, खुद से लड़ती रहती हैं। चारों बहुत अच्छी दोस्त हैं। लड़ाई, रोना-धोना, बंबई की फैशनबेल लाइफ, लव, ब्रेक अप, सेक्स और स्ट्रगल को दिखाने की कोशिश की गई है। लड़कियां इस समाज को कैसे देखती हैं और ये समाज उनके साथ कैसा बर्ताव करता है। ये इन चार लड़कियों के किरदार से दिखाने की कोशिश की गई। फोर मोर शाॅट्स का दूसरा सीजन हाल ही में आया है। पहला सीजन 2019 में आया था। दूसरा सीजन वहीं से शुरू होता है, जहां पहला सीजन खत्म हुआ था। 10 एपिसोड का ये सीजन अमेजन प्राइम पर रिलीज किया गया है और इसके डायरेक्टर हैं अनु मेनन और नुपूर अस्थाना।
मुंबई में रहने वाली चार लड़कियों की ये कहानी है! अंजना, दामिनी, सिद्धि और उमंग। चारों अलग-अलग बैकग्राउंड की हैं। अंजना एक वकील हैं। तलाक हो चुका है और एक बेटी है। अंजना मूव आॅन करने कीे कोशिश करती है लेकिन फिर से शादी और फैमिली के चक्कर में नहीं पड़ना चाहती। यही मूव आॅन उसके लिए बहुत सारी उलझने खड़ी कर देता है। अंजना का रोल निभाया है कीर्ति कुल्हाड़ी ने। दामिनी एक पत्रकार हैं। जिनको पहले सीजन में उनकी ही कंपनी से निकाल दिया गया था। अब वे किताब लिख रही हैं जिसको कोई छाप नहीं रहा है। किताब की तरह ही उनकी पर्सनल लाइफ में भी दिक्कतें आती ही रहती हैं। दामिनी के कैरेक्टर में हैं शायोनी गुप्ता।
सिद्धि पटेल, जिसकी पहली सीजन में मां विलेन थी तो इस सीजन में दोस्त बन गई हैं। पहले सिद्धि कुछ नहीं करती थी लेकिन अब अपने आपको खोज लिया है। ये रोल किया है मानवी गगरू ने। उमंग जो बाईसेक्सुअल है। पेशे से एक जिम ट्रेनर हैं। जो पहले सीजन में एक्ट्रेस समारा कपूर की पर्सनल ट्रेनर बन जाती है। बाद में दोनों प्यार में पड़ जाते हैं। बाइसेक्सुअल को ये समाज और सोशल मीडिया कैसे देखता है? उनको किन दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है।ये दूसरे सीजन में बताने की कोशिश की गई है। उमंग को रोल किया है गुरबानी ने। इसके अलावा कई और किरदार हैं। जय एक बार चलाता है। आमिर वारसी एक डाॅक्टर है और शशांक एक वकील। ऐेसे ही कुछ नए पुराने किरदार आते जाते रहते हैं। जय एक बाॅर चलाता है, ट्रक बार। जो इन चारों लड़कियों का अड्डा है। जब भी इनकी लाइफ में कुछ अच्छा और बुरा होता है। वे इसी बार में मिलते हैं।
इस सीजन में समस्याएं और बड़ी हो गई हैं, मेलो ड्रामा भी काफी बढ़ गया है। सीरीज में इन लड़कियों के कैरेक्टर्स से बहुत कुछ दिखाने की कोशिश की गई है। महिलाओं की इच्छाएं, उनकी समस्याएं, सैक्स कोई टैबू नहीं है, फेमनिज्म, पत्रकारिता और एलजीबीटीक्यू जैसे मुद्दों को दिखाने कीे कोशिश की गई है। हो सकता है ये देखकर आपको लगे कि वास्तव में ऐसी महिलाएं न हो और न ही उनकी लाइफ ऐसी हो। ऐसा हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है। मगर फिर एंटरटेनमेंट के हिसाब से ये वेब सीरीज काफी अच्छी है। पहले सीजन से दूसरा सीजन काफी इंटेंस है। सबकी लाइफ में खुशी कम, बुरी खबर जल्दी आ जाती है। फिर भी ये दोस्ती नहीं तोड़ेंगे वाली यारी इन चारों के बीच बनी रहती है।
कई लोगों को लग सकता है इसमें अश्लीलता और फूहड़पन है। लेकिन आज जरूरत है है इस पर खुल कर बात करने की। सेक्स के बारे में खुल के बात करना तो अच्छी बात है। अगर आप सेक्स के बारे में बात करने से कतराते हैं तो ये वेब सीरीज आपको जरूर देखनी चाहिए। हर एपिसोड के शुरू होने से पहले कुछ वाॅयस ओवर चलता है। जब वो एपिसोड खत्म होता है तो उस वाॅयस ओवर का मतलब समझ में आता है। पहले सीजन की तरह ही इस सीजन में भी बैकग्राउंड म्यूजिक अंग्रेजी गानों का है। जो समझ में आए न आए सुनने में बेहद अच्छा लगता है। कुछ एपिसोड में स्टैंड अप काॅमेडी का तड़का लगता है जो कुछ हद तक गुदगुदाने का काम करती है। जिन्होंने पहला सीजन देखा है उनको ये सीजन भी पसंद आएगा। जिन्होंने अब तक फोर मोर शाॅट्स प्लीज नहीं देखी है वो देखने को मन बना लें, अच्छी लगेगी।
फोर मोर शाॅट्स प्लीज। |
इन चारों की लाइफ कितनी ही खराब क्यों न हो? इनके दोस्त हमेशा इनके साथ खड़े रहते हैं। एक-दूसरे को समझाते है, हल बताते हैं और मजाक तो चलता ही रहता है। चाहे फिर ब्रेक अप की बात हो या किसी गिल्ट की। बेस्ट फ्रेंड का ज्ञान और सीख इस वेब सीरीज में खूब दिया जाता है। पहले सीजन की तरह दूसरे सीजन में भी अंत ऐसी जगह पर छोड़ा गया है जिससे लगता है कि अगला सीजन भी आ सकता है। आपको ये वेब सीरीज अच्छा लगे न लगे एंटरटेनर जरूर लगेगा और आपको इस मूवी का ये डायलाॅग तो याद ही रहेगा ‘जय, फोर मोर शाॅट्स प्लीज’।